में नमन भटनागर , जयपुर नगर में वास करता हूं , मेरी कोई सगी बहन नहीं ।
श्राद्ध का महीना चालू हो चुका है , और इन श्राद्ध के समय हमारे घर की परम्परा ह की हम जरूरत के अनुसार दान करते हैं।
और इस वजह से हम दान करने अनाथालय गए ।
वाह मुझे एक छोटी बच्ची ने देखा और मुस्कुराने लगी , वह ३ माह की लग रही थी , जब मैने उसके सिर पर हाथ रखा तब वह ओर मुस्कुराने लगी , और मेरी ओर अपना हाथ आगे किया , जब मैने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा तब उसने मेरा हाथ पकड़ लिया, ओर मेरी आंखो को देखने लगी , नाजाने उसकी आंखो ने मेरे पर क्या जादू किया है , मुझे एक पल के लिए उसने बड़े भाई होने का अहसास कराया ।
अब मैने ये सोचा कि में उससे मिलने हर रविवार जाऊगा , मेरी छोटी बहन 😊😚।
Originally Posted on April 10, 2018 by Naman Kusum Bhatnagar on Wordpress
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